बेखबर अधूरापन

अधूरेपन से बेखबर


कुछ किस्से छूट रहे हैं जिंदगी के अधूरे,
पूरा करने में जीने सारी उम्र बीत जाएगी।
पीछे मुड़कर देखे अगर तू कभी,
तेरे मेरे बीच बहुत दूरियां नजर आएंगी।।

हर लमहे में तू पास है
मगर
साथ होने के एहसास में रह जाती है खलिश कोई,
कल ये हालात दोबारा कहां होंगे
जब तेरी जिन्दगी मेरा साथ चाहेगी। पीछे मुड़कर देखे अगर तू कभी,
तेरे मेरे बीच बहुत दूरियां नजर आएंगी।।

तुझे थाम कर निखरी हूं मैं
हम जुड़े हैं जैसे फूल और डाली कोई,
क्या मेरा टूट कर बिखर जाने पर तुझे ज़रा भी मेरे याद नहीं आएगी ?
पीछे मुड़कर देखे अगर तू कभी,
तेरे मेरे बीच बहुत दूरियां नजर आएंगे।।